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Department of Hindi

Dr. Meenakshi Shukla

Qualification: M.A., UGC-NET, Ph.D.
Experience: 6 Years
Email: meenakshishukla1950@gmail.com
Curriculum Vitae: View

About

1997 में मात्र 63 छात्राओं से शुरू हुआ हिंदी विभाग डॉ. अनुराधा तिवारी के साथ पहले ही साल हिन्दी विषय में अभूतपूर्व परीक्षाफल के साथ गौरवपूर्ण पथ पर बढ़ चला। 2005 में डॉ मंजू शर्मा आयी। वे दो वर्ष रहीं। कालांतर में डॉ भारती सिंह एवं सुरंगमा यादव भी रहीं। डॉ अनुराधा तिवारी के अगस्त 2017 में प्राचार्य पद पर प्रमोशन के बाद 2018 में डॉ मीनाक्षी शुक्ला के द्वारा विषय एवं विभाग उत्तम गति से निरंतर आगे बढ रहा है। डॉ मीनाक्षी शुक्ला (नेट, पीएचडी) ने अनेक सेमिनार में प्रतिभाग करते हुए शोध पत्र प्रस्तुत किये हैं। वे कई सेमिनार के तकनीकी सत्र की संयोजक सचिव रही हैं ।वे हिंदी विभाग के साथ ही सन 2022 से रेंजर्स इकाई का संचालन भी कुशलतापूर्वक कर रही हैं।रेंजर्स छात्राएं निरंतर वर्ष पर्यंत महाविद्यालय विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय रहते हुए महाविद्यालय में अपना योगदान देती हैं। 2024 में महाविद्यालय की रेन्जर्स इकाई ने अंतरमहाविद्यालयी रोवर्स/ रेंजर्स समागम प्रतियोगिता में चैंपियन ट्रॉफी जीत पर कीर्तिमान स्थापित किया।

Details of the Department

हिंदी विभाग

हिंदी विभाग में त्रिवर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम संचालित है, लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अंतर्गत विषय के गहन अध्ययन द्वारा छात्राओं में सर्जनात्मकता, अभिव्यक्ति, संप्रेषणीयता, चिंतन एवं विश्लेषण , रचनात्मकता इत्यादि गुणों का विकास होता है। हिंदी विषय में सेमेस्टर 1 से लेकर सेमेस्टर 6 तक के थ्योरी एवं आंतरिक मूल्यांकन पाठ्यक्रम का निर्धारण इस प्रकार किया गया है कि विद्यार्थी अतीत से वर्तमान साहित्य की यात्रा करते हुए ऐतिहासिक तथ्यों व वातावरण की जानकारी प्राप्त करें एवं समसामयिक जीवन में गौरवशाली अतीत के अर्जित ज्ञान का उपयोग करते हुए अपने व्यक्तित्व को परिष्कृत करें ।साहित्य एवं भाषा का ज्ञान प्राप्त कर छात्राएं अपनी भाषा एवं संस्कृति से परिचित होती हैं। हिंदी विषय उनमें मातृभाषा के प्रति कर्तव्य बोध तथा आत्मविश्वास के साथ विषय के ज्ञान को सरल और सहज बनाता है ।क्षेत्रीय भाषा में अध्ययन करना छात्रों को लोकजीवन व लोक चेतना से जोड़ता है ।अभिविन्यास कार्यक्रम में हिंदी विषय की सार्थकता एवं उपाध्यता पर संक्षिप्त चर्चा करते हुए पाठ्यक्रम व परीक्षा की स्वरूप पर चर्चा की जाती है तथा छात्रों को बताया जाता है कि वह किस प्रकार स्नातक स्तर के साहित्य ज्ञान उपार्जन के उपरांत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इसका उपयोग कर सकती हैं छात्राएं राज्य व संघ स्तरीय विभिन्न प्रशासनिक पदों, शिक्षक पात्रता, राजभाषा आयोग में पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं। हिंदी विषय में रचनात्मक लेखन यथा (स्वतंत्र/ व्यवसायिक) ,पटकथा लेखन ,ब्लॉग लेखन, अनुवादक एवं द्विभाषिया इत्यादि की दिशा में भी आगे बढ़ सकते हैं। विभाग द्वारा प्रतिवर्ष हिंदी दिवस,परिषदीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया जाता है।